उत्तराखंड के प्रसिद्ध आध्यात्मिक स्थल कैंची धाम मंदिर में हर साल 15 जून को लगने वाले स्थापना दिवस मेले को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। वर्ष 2025 में भी यह मेला विशेष रहने वाला है। नीम करोली बाबा के भक्त देशभर से बड़ी संख्या में दर्शन के लिए पहुंचेंगे।
🚦 यातायात प्लान तैयार, शटल सेवाएं होंगी संचालित
पिछले वर्षों की तरह इस बार भी भारी भीड़ की संभावना जताई जा रही है। अनुमान है कि मेला शुरू होने से 3–4 दिन पहले ही श्रद्धालुओं का जमावड़ा शुरू हो जाएगा। इससे हल्द्वानी से भीमताल और भवाली मार्गों पर ट्रैफिक का दबाव बढ़ेगा।
भीड़ को नियंत्रित करने और जाम से बचने के लिए शटल सेवाएं चलाई जाएंगी, जिनमें रोडवेज और केमू (K.M.O.U) की बसों को लगाया जाएगा। इस कदम से छोटे वाहनों की संख्या में कमी लाकर ट्रैफिक को नियंत्रित किया जाएगा।
बुधवार को आरटीओ प्रवर्तन अधिकारी डॉ. गुरदेव सिंह की अध्यक्षता में रोडवेज, केमू प्रबंधन और टैक्सी यूनियन के साथ बैठक में विस्तृत चर्चा हुई।
🙏 क्यों खास है 15 जून का दिन?
हर साल 15 जून को कैंची धाम मंदिर का स्थापना दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर लगने वाले मेले में लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं। बाबा नीम करोली को भक्त हर मुराद पूरी करने वाला संत मानते हैं।
📜 नीम करोली बाबा: दिव्य जीवन और लोक आस्था
- जन्म: वर्ष 1900 के आसपास, अकबरपुर (उ.प्र.)
- असली नाम: लक्ष्मण नारायण शर्मा
- श्रद्धालुओं द्वारा मान्यता: कलियुग में हनुमान जी का अवतार
- उपनाम: नीम करोली बाबा, लक्ष्मण दास, तिकोनिया बाबा, तलैया बाबा
- विशेषता: हनुमान जी के परम भक्त और दिव्य चमत्कारों से लोक में प्रसिद्ध
नीम करोली बाबा ने बाल अवस्था में ही विवाह के बाद संन्यास का मार्ग अपनाया और फिर अपने आध्यात्मिक जीवन से लाखों लोगों को प्रभावित किया। कैंची धाम आज एक विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक केंद्र बन चुका है, जहां देश-विदेश से लोग बाबा के दर्शन को आते हैं।